International Woman Day : महिला सशक्तिकरण हेतु हर संभव प्रयास होने चाहिए और महिलाओं को जागरूकता के लिए शिक्षा पर जोर देना मेरी पहली प्राथमिकता : श्रीमती कृष्णा खींची

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Dainik Gurujyoti Patrika

महिला सशक्तिकरण के लिए और महिलाओं को जागरूक करने के लिए मैं हमेशा तैयार रहूंगी। International Woman Day 8 मार्च पर हम ऐसी महिलाओं से रूबरू करवाएंगे। जिन्होंने समाज में महिला सशक्तिकरण हेतु समाज के लिए कार्य किया हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं, श्रीमती कृष्णा खींची जो राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले के मंडोर स्थित डॉ.भीमराव अम्बेडकर राजकीय आवासीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मंडोर, जोधपुर में शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। उल्लेखनीय हैं, कि श्रीमती कृष्णा खींची समाज में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने हेतु राष्ट्रीय स्तर के शिक्षा संगठन “राष्ट्रीय ज्ञानदीप शिक्षा मंच” संगठन के साथ जुड़ी हुई हैं । जो समाज में जागरूकता के लिए शिक्षा के लिए एक अभूतपूर्व कार्य कर अपनी अमिट मिशाल पेश करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। आपको ज्ञात हो कि संगठन के रूप में राजस्थान राज्य समन्वयक राजस्थान के रूप में यह मंच के माध्यम से बालिका शिक्षा व महिला सशक्तिकरण के लिए तथा स्कूली विद्यार्थियों की शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतु महत्वपूर्ण और सराहनीय कार्य कर राजस्थान राज्य सहित सम्पूर्ण देश भर में अपने कार्य के लिए एक मिशाल पेश कर रही हैं। इस सराहनीय और बेहतरीन कार्यों के लिए इनको उत्तरप्रदेश राज्य की राजधानी नवाबों के शहर लखनऊ शहर में ” शैक्षिक दिवस” पर आयोजित सम्मान समारोह में उत्तरप्रदेश राज्य के शिक्षा मंत्री के निजी सचिव के द्वारा सम्मानित किया जा चुका हैं। तथा इस महिला दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षा संगठन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महिला गौरव सम्मान 2023 के लिए इन्हें चयनित किया गया हैं। जो कि राष्ट्रीय सम्मान समारोह उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून शहर में आयोजित किया जाएगा। इन्होंने बालिका शिक्षा व महिला सशक्तिकरण हेतु सराहनीय और बेहतरीन कार्य किया हैं। वह बालिकाएं और महिलाएं जो अपनी पढ़ाई किन्हीं कारणों से 8 वी और 10 वी करने के बाद बीच में ही छोड़ देती थी। वो आगे पढ़ नहीं पाती थी। उनको “एजुकेट गर्ल्स संस्था” के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर “स्टेट बोर्ड ओपन परीक्षा ” दसवीं और बारहवीं शिक्षा हेतु तथा वर्धमान महावीर खुला महाविद्यालय में प्रवेश दिलाकर जरूरतमंद बालिकाओं व महिलाओं को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करवाकर उनको शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने का सराहनीय कार्य किया हैं। तथा कई महिलाएं अपनी अधूरी शिक्षा पूरी कर चुकी हैं। इन सबका श्रेय श्रीमती कृष्णा खींची को जाता हैं। इनका मानना हैं, कि हमको हमारे व्यक्तिगत कार्यों के साथ साथ समाज में शिक्षा की अलख जगाकर समाजसेवा में भी योगदान देना चाहिए। इस हेतु श्रीमती कृष्णा खींची जरूरतमंद महिलाओं और बालिकाओं को समय समय पर वस्त्र वितरण कर तथा विद्यार्थियों को स्टेशनरी वितरित करती रहती हैं। इस दौरान भिक्षावृति में लिप्त और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बालक तथा बालिकाओं का शिक्षा हेतु प्रवेश राज्य सरकार द्वारा बनाए गए विशेष विद्यालयों में करवाने हेतु प्रयासरत हैं। जिससे बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिले। इनके अनुसार समाज में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का शैक्षिक स्तर कम हैं। अतः समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता को दूर करके,महिलाओं को शिक्षित कर उनको शैक्षिक रूप से और आर्थिक रूप से सुदृढ़ करके महिला सशक्तिकरण को प्रभावी बना सकते हैं।

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