पूर्व चयनित वेतनमान फिक्सेशन में बदलाव व कर्मचारियों की समस्याओं का हो समाधान – जे.डी. चारण

Share Post

सिरोही/संतोष चन्द्र । विभिन्न ज्वलंत मांगो को लेकर राजस्थान नर्सेज यूनियन एकीकृत महासंघ सिरोही के जिलाध्यक्ष जीवत दान चारण ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेज कर कर्मचारियों को राहत प्रदान करने की मांग की है । जिलाध्यक्ष चारण ने बताया कि चयनित वेतनमान जो 1992 को पूर्वती सरकार ने लागू किया था उसमें बदलाव करना चाहिए । राज्य के सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें चयनित वेतनमान के अनुसार 9, 18 और 27 साल के फिक्सेशन का लाभ मिलता है । सरकार इसे 8, 16, 24, 32 साल के रूप में करें । कई कर्मचारी संगठनों ने भी कई बार सरकार से लिखित में इसकी मांग की है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है जबकि पिछले कई साल से भर्तियां घटी हैं । जो होती भी हैं उनमें 5-6 साल का समय तो प्रक्रिया में ही निकल जाता है । पहले 18 से 22 साल की आयु के बीच ही नौकरी लग जाती थी, अब 28 से 30 साल से ऊपर के बाद नौकरी लगती है । सरकार यह समझने की कोशिश नहीं कर रही कि 1992 का 9, 18, 27 साल में स्थिरीकरण का फैसला आज सही नहीं बैठ रहा । कम उम्र में नौकरी लगने से 30 साल से ज्यादा की नौकरी का मौका मिलता था, जिससे ये लाभ मिल पाते थे । अब इस दूरी तक पहुंच ने तक तो कई कर्मचारी रिटायरमेंट हो जाते है । मुख्यमंत्री से कर्मचारी प्रतिनिधि  कई बार मिले है पर अभी तक फैसला अपेक्षित है । कर्मचारियों के लिए हमेशा पूर्व में भी सवेंदनशीलता से निर्णय लिए है । ओल्ड पेंशन योजना जैसी बड़ी योजना को वापस राजस्थान में लागू कर कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है, इसी प्रकार कर्मचारियों के ज्वलंत  इस मुद्दे का भी हल जल्द से जल्द हो । समाधान कर लाखों कर्मचारियों को राहत प्रदान करें ।  जब राजपत्रित अधिकारीयो को 6,12,18,24 पर चयनित वेतनमान  पर फिक्सेशन होता है तो फिर अराजपत्रित कर्मचारियों को क्यो नहीं  ।  इन लाखो कर्मचारियों को भी नया चयनित वेतनमान लागू करना चाहिए । कर्मचारियों की स्थिरीकरण की मांग का वित्त विभाग परीक्षण करा कर जायज मांग को बजट सत्र में कर्मचारियों को राहत मिलेगी । यह पूरे राजस्थान का कर्मचारी जगत आशावन्तित है । साथ ही सविंदा पर लगे कर्मचारियों को नियमित करने व 108 , निविदा, यूटीबी पर लगे हुए अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को सविंदा रूल्स 2022 में शामिल करने व नर्सेज जो सविंदा पर लगे हुए थे बाद में नियमित हुए जिनका सविंदा काल को नियमित सेवा में गिना जावे व सीनियर नर्सिंग अधिकारी को गजेटेड़ का दर्जा दिया जावे, कारण के सीनियर नर्सिंग अधिकारी का पे स्केल 6000 से अधिक होती है इनके नीचे पे ग्रेड वालो को गजेटेड़ का दर्जा दिया हुआ है व नर्सेज सवँर्ग की गैर वित्तिय माँगो ड्रेश कोड बदलने को जल्दी से जल्दी पूरा कर राहत प्रदान करने की संगठन अपेक्षा रखता है ।

शोषण स्वीकार्य नहीं –

सविंदा, निविदा, प्लेसमेंट एजेंसी हो या आम कर्मचारी सभी के हितों का ध्यान रखा जाएगा । इनकी विभिन्न मांगों को राज्य सरकार तक पहुसा तक इनको राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी ।  इनका शोषण स्वीकार्य नहीं  ।  इस बजट सत्र में कर्मचारियों को राहत मिलेगी । राजस्थान का कर्मचारी सवंर्ग आशांवित है ।


जीवत दान चारण, 
जिलाध्यक्ष, 
नर्सेज, एकीकृत महासंघ सिरोही

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !!
Call Now Button