भीनमाल को ही बनाया जाएं नया जिला : भीनमाल को जिला इसलिए बनाया जाए, क्योंकि……………भीनमाल पूरे जिले का मध्य बिंदु
भीनमाल को जिला बनाये जाने की मांग ज्यादा तार्किक और वाजिब है। श्रवण सिंह राठौड़ सेवादार, भीनमाल जिला बनाओ सँघर्ष समीति ने बताया कि इस मुद्दे पर बजट से पहले मेरी तरफ से जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री पुखराज जी पाराशर एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब से भीनमाल को जिला बनाने और एडीएम कार्यालय खोलने की मांग प्रमुखता से रखी थी। राज्य सरकार ने भीनमाल में एडीएम कार्यालय की स्वीकृति प्रदान की, उसके लिए हम आभारी है। नए जिलों की मांग अभी तक लंबित चल रही है। इस बीच मेरी तरफ से भीनमाल को जिला बनाये जाने की मांग किये जाने पर राज्य सरकार की ओर से इंटेलिजेंस से इस बारे में रिपोर्ट मंगाई गई थी। मुझे इस बारे में पुख्ता सूचना मिली। इसका मतलब भीनमाल को जिला बनाये जाने की संभावनाओं को राज्य सरकार ने टटोलना शुरू कर दिया। इस बीच आज फेसबुक से पता चला कि सांचोर विधायक एवं श्रम राज्यमंत्री श्री सुखराम जी विश्नोई साहब और जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्री पुखराज जी पाराशर ने आज ही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब से मुलाकात करके सांचोर को जिला बनाये जाने की मांग रखी है। इसको लेकर श्री सुखराम जी विश्नोई साहब ने बाकायदा एक प्रेस नोट भी सोशियल मीडिया के माध्यम से जारी किया है। ये दोनों नेता जालोर जिले के वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता है। लोकतंत्र में सभी को अपने क्षेत्र की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बात रखने का अधिकार है। इसलिए वो अपनी जगह सही हो सकते है। चूंकि भीनमाल का रहवासी होने के नाते और एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारे क्षेत्र के हित से जुड़े महत्वपूर्ण विषय पर चुप्प रहूं तो ये अन्तरात्मा की आवाज को दबाने जैसा होगा। यहां भीनमाल के जिम्मेदार नागरिक के नाते हमारे क्षेत्र के हितों की पैरवी हम सभी का दायित्व है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब से नई परिस्थितियों के मध्य नज़र मेरी पुनः मांग है कि जालोर जिले का मध्य बिंदु भीनमाल होने की वजह से नया जिला भीनमाल को जिला बनाकर उसमें रानीवाड़ा और सांचोर को शामिल किया जाए। लोकतंत्र में सभी को मांग करने का अधिकार है। हमारे भीनमाल की जन भावना के अनुरूप मैं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत साहब से अनुरोध करता हूँ कि आप फैसला मेरिट पर करावें। दबाव में हमारी वाजिब बात को अनसुना नहीं किया जाये।