सिरोही | राजस्थान नर्सेज़ यूनियन के जिलाध्यक्ष जीवत दान चारण के नेतृत्व में जिला अस्पताल के अधीक्षक प्रमुख चिकित्सा अधिकारी अश्वनीकुमार मौर्य, जिला कलेक्टर, पुलिसअधीक्षक को विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन दिया गया | जिलाध्यक्ष जीवत दान चारण ने बताया कि 23 जून को महिला नर्सिंग अधिकारी ने आत्महत्या की थी वह सामान्य चिकित्सालय सिरोही में कार्य कर रही थी, वह तनाव में थी | उसकी लगभग 2 साल से एक ही पारी इवनिंग में ड्यूटी कर रही थी | वह प्रोबेशन पीरियड में थी फिर भी उससे जनाना ओटी में लगाया गया था | जब दूसरे नर्सिंग अधिकारी की रोटेशनल डयूटी लगती है लेकिन उसके साथ ऐसा नहीं था | किसके प्रभाव में उससे एक ही जगह ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था ? किसके कहने पर एक ही जगह ड्यूटी के लिए बाध्य किया जाता था ? इसके पीछे तो कोई षड्यंत्र नहीं है ? भय व दबाव से तो उसने आत्महत्या नहीं की है ? जिला अस्पताल में पुलिस चौकी भी नहीं है और हाल में ही 3 जुलाई को अस्पताल के परिसर में चिकित्सक के सरकारी कवाटर पर एक महिला को लेकर घटना घटित हुई है जिसका पुलिस में परिवाद भी पेश हुआ हैं व केस दर्ज भी हुआ | ऐसे कुकृत्य से अस्पताल का वातावरण व हॉस्पिटल की छवि भी खराब हो रही है | साथ ही परिसर में ANM ट्रेनिंग सेंटर व ANM होस्टल भी है | वहां आये दिन लपके घूमते रहते हैं | हॉस्पिटल परिसर में भय का माहौल है | महिला नर्सिंग अधिकारियो की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व 23 जून को घटित आत्महत्या जैसी घटना व 3 जुलाई की शराब पार्टी कर परिसर में भय के वातावरण लेकर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से वार्तालाप हुई तो प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने शराब पार्टी करने वालों का ही पक्ष लेकर उल्टा नर्सेज़ को धमकी भरे लहजे में कहा कि जिला अस्पताल के सभी नर्सेज़ की ACR मेरे पास रहती है |
चारण ने इसका विरोध दर्ज कराया कि न्याय की गुहार लगाने पर नर्सेज़ को धमकी दी जाती है तो पूरे जिला का नर्सेज़ बर्दाश्त नही करेगा | न्याय की गुहार लगाना क्या गलत है ? ऐसी भाषा से ना नर्सेज़ डरे है और ना कभी डरेंगे | जहां भी नर्सेज़ के साथ अन्याय होगा वहां संगठन साथ खड़ा रहेगा | इसी प्रकरण को लेकर जिला कलेक्टर से भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई जिसमे कलेक्टर ने 23 जून को हुई आत्महत्या व 3 जुलाई को हॉस्पिटल परिसर में हुई घटना को लेकर दोषियों को नहीं बक्सा जाएगा का आश्वासन दिया | कलेक्टर से प्रमुख चिकित्सक अधिकारी के बर्ताव को लेकर भी विरोध दर्ज कराया कि नर्सेज़ अपना सो प्रतिशत देने का कोशिश करता हैउसके बाद भी छोटी मोटी बातों पर नोटिस देकर डराने,धमकाने,सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है | कलेक्टर ने नर्सेज़ को आश्वासन दिया कि किसी को कोई परेसान नहीं करेगा साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक से भी जिला अस्पताल में पुलिस की नफरी बढ़ाने व चौकी स्थापित करने का आग्रह किया गया व 23 जून को महिला नर्सिंग अधिकारी के द्वारा आत्महत्या के पीछे कही अस्पताल से तार तो नहीं जुड़े हैं ? इसकी निष्पक्ष जांच करने व मृत आत्मा को न्याय दिलवाने का आग्रह किया गया जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके | जीवत दान चारण नर्सेज़ अध्यक्ष, राजेन्द्रकुमार यादव, वीरेन्द्र लुनिवाल, प्रभु सिंह, जयेश धवल, पूरनसिंह देवल, ललितकुमार आर्य, डूंगा राम, चिराग पांचाल, मगनाराम सूर्यल, विक्रमसिंह, परषोतम, मनोहर सिंह आदि कई नर्सिग अधिकारी उपस्थित थे |
धमकियों से डरने वाले नहीं हम –
हॉस्पिटल परिसर में ही अवांछित गतिविधियां करने से महिला नर्सिंग अधिकारी डरे हुए है | जब प्रमुख चिकित्सा अधिकारी अधीक्षक से सुरक्षा की बात की जाती है तो नर्सेज़ को ACR खराब करने की धमकी दी जाती है | जिससे पूरे जिले में नर्सेज़ में आक्रोश है | PMO ने अपने व्यवहार में बदलाव नहीं किया तो नर्सेज़ आंदोलन की राह पर होंगे | जिसकी समस्त जिम्मेदारी PMO की होगी | नर्सेज़ अपने कार्यों के प्रति सजग सचेत है वो किसी भी धमकियो से डरने वाले नहीं है | – जीवत दान चारण, जिलाध्यक्ष, नर्सेज़, एकीकृत महासंघ, सिरोही