Bikaner : बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा नवीन कृषि तकनीकों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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Dainik Gurujyoti Patrika

नवीन कृषि तकनीक से ग्राम होंगे आर्थिक रूप से मजबूत : अंबरीश विद्यार्थी, कुलपति

बीकानेर, 20 मई, आज बीकानेर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव पलाना में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि यह एक क्लस्टर गतिविधि थी जिसे एस के आर ए यू, बीकानेर के साथ मिलकर करवाया गया। यह कार्यशाला नवीन कृषि तकनीकी पर थी जिसमें किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी गई इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को नई तकनीकी द्वारा पैदावार को उन्नत बनाना था साथ ही साथ फसल की उपज को भी बढ़ाना था। कुलपति प्रो. अंबरीश शरण विद्यार्थी ने ग्रामीणों के नाम अपने संदेश मे कहा की नवीनतम एवं उन्नत कृषि तकनीकों का उपयोग कर कृषक अपनी खेती में विकास के नए आयाम स्थापित कर सकते हैं। कृषक भाइयों के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण की सरकार की अनेकों योजनाएं है जिनका लाभ उठाकर वह नवीन नवीनतम कृषि तकनीकों का अभिन्न हिस्सा बन सकते हैं।

इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि एवं प्रवक्ता डॉ राजेश वर्मा उप निदेशक कृषि विस्तार एस के आर ए यू बीकानेर से थे। उन्होने बताया कि कृषि में नैनोटेक्नोलॉजी के अभिनव प्रयोग कैसे किया जाता है। खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने की भारत सरकार की पहल के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही साथ धान की सीधी बुआई कम लागत में अधिक उत्पादन की जानकारी दी गई। फर्टिगेशन प्रणाली से जल और उर्वरकों के प्रभावी उपयोग के बारे में बताया जैविक खाद कैसे बनाई जाती है इसकी सरल शब्दों में उन्होंने सभी किसानों को समझाया। फसलों में सिंचाई के लिए देश भर में किये जा रहे उन्नत प्रौद्योगिकी तरीकों की जानकारी दी गई। किसानों ने अनार की उपज तथा अन्य सब्जियों और फलों की उपज की से संबंधित समस्याओं को पूछा जिसका निराकरण सरल तरीके से उन्होंने किया। उन्होंने बताया कि मूंगफली की खेती यहां बहुत की जाती है जिसके लिए बहुत ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है हमारे प्रदेश में पानी का स्तर बहुत नीचा है तथा गर्मी का प्रकोप भी बहुत ज्यादा होता है अतः यह जमीन इस खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती अतः हमें अपने जलस्तर और वातावरण के अनुसार प्रश्नों की खेती करनी चाहिए कार्यक्रम की संचालिका कार्यक्रम की डॉ अनु शर्मा एवं डॉ प्रीति पारीक ने सभी किसानों को कहा कि हमें ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे यहां के मौसम के अनुसार हम अपने पैदावार को बढ़ावा दे सकें भारत एक कृषि प्रधान देश ह जो देश को आर्थिक मजबूती देता हैं। हमारे किसान नई कृषि तकनीक के जरिए परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ ही समाज को भी नई दिशा भी दे सकते हैं। इस कार्यक्रम में सभी किसानो को जैविक खाद एवम बीजों का वितरण भी किया गया। ग्राम पंचायत सहायक बजरंग ढाका ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया तथा सभी किसानों ने इस कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक भाग लिया।

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