किसानों को सैकड़ों करोड़ों रुपए कि खरिफ में फसलों हुई क्षति, आपदा राहत नियम एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा क्षतिपूर्ति नियमों में शिथिलता, पत्र प्रेषित
कोटा दिनांक 7सितम्बर2022: राजस्थान सहित कोटा संभाग में अतिवर्षा से हुई फसलों कि क्षति का विभागीय स्तर पर किया गया सर्वे(आंकलन) किसानों को लाखों हेक्टेयर में हुई फसलों कि क्षतिपूर्ति करने में असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है जिससे कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिलों के लाखों किसानों को हजारों करोड़ों रुपए कि हानि से राहत दिलाने के नियमों के जाल में उलझकर रहने की संभावना को देखते हुए हाड़ोती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने केन्द्र एवं राज्य सरकार को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया है कि वर्ष2022 के जुलाई-अगस्त माह में हुई अतिवर्षा से फसलों कि क्षति का आंकलन व्यक्तिगत खेत पर (रकबे के आधार पर) करवाकर केन्द्रीय एवं राज्य आपदा राहत नियमों में निर्धारित 33प्रतिशत के आधार को समाप्त कर हुई फसल की क्षति की राहत पूर्ति की घोषणा कर लाखों किसानों को राहत पहुंचाने का आग्रह किया है इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाखों किसानों ने कोटा संभाग में खरिफ कि फसलों का बीमा बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं को फसलों के आधार पर निर्धारित प्रीमियम का भुगतान किया गया है(ऋण प्राप्त करने पर एवं व्यक्ति गत स्तर पर) बीमा कंपनियों कि ओर से क्षति से प्रभावित किसानों को 72घंटे में बीमा कंपनियों को सूचित किए जाने के प्रावधानों में शिथिलता अपनाने का भी आग्रह किया है।
दशरथ कुमार ने अवगत कराया कि कोटा संभाग में विभागीय स्तर पर अधिकृत रूप से 11 लाख 73हजार 103 हेक्टेयर भूमि में सोयाबीन,धान, मक्का, उड़द, मूंग आदि फसलों कि खरिफ में बुआई के आधार पर फसलों में खराबा 1 लाख 95हजार हेक्टेयर भूमि में विभागीय सर्वे के आधार पर बताया गया है जिसके आधार पर केन्द्र एवं राज्य आपदा राहत नियमों में सम्मिलित नहीं किए जाने कि आशंका से किसानों में भ्रम कि स्थिति पैदा होने लगी है केन्द्र एवं राज्य में सत्ता तथा प्रतिपक्ष के प्रतिनिधियों से आग्रह है कि राज्य एवं केन्द्र कि सरकार को क्षेत्र के किसानों के हित में प्रभावित(बाध्य) करके व्यक्ति गत एवं रकबे के आधार पर फसलों के ख़राबे कि क्षतिपूर्ति कि राशि तत्काल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।