संजय राउत की बढ़ी मुश्किलें : खिलाफ महिला गवाह को धमकी देने के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज
शिवसेना नेता संजय राउत की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तारी के बीच उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। खबर है कि उनके खिलाफ यह शिकायत महिला गवाह को धमकाने के आरोप में दर्ज की गई है। ईडी ने रविवार को राउत आवास पर छापेमारी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
कथित तौर पर स्वप्ना पाटकर को धमकाने के लिए राउत के खिलाफ धारा 504, 506 और 509 के तहत वाकोला पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। पाटकर पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में गवाह हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार रात को बताया कि गवाह स्वप्ना पाटकर ने वकोला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि पाटकर ने हाल में पुलिस का रुख करते हुए दावा किया था कि उसे टाइप किए गए एक पत्र में दुष्कर्म और हत्या की धमकी दी गई थी।
यह पत्र 15 जुलाई को उसे दिए एक अखबार में रखा हुआ था। अधिकारी के मुताबिक,पाटकर ने रविवार को पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अधिकारियों ने बताया कि राउत (60) को दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट में ईडी के मंडल कार्यालय में छह घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने दावा किया कि राउत को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत रविवार देर रात 12 बजकर पांच मिनट पर हिरासत में लिया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।
पात्रा चॉल घोटाले को लेकर ED ने की छापेमारी
पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है। ईडी ने करीब 9 घंटों की पूछताछ के बाद संजय राउत को हिरासत में ले लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में आज सुबह ही ईडी की टीम शिवसेना सांसद के मुंबई स्थित आवास पर पहुंची थी। ईडी ने राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था। राउत को मुंबई के एक चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य सहयोगियों की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़ेमनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था। राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए 1 जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए थे।