यहां लंच-मिठाई और पापड़ी का मतलब गांजा, चरस-अफीम, देखिए पढ़िए पूरी ख़बर…………..

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Dainik Gurujyoti Patrika

तमाम दावों के बावजूद पुलिस नशा तस्करों का नेटवर्क नहीं तोड़ पा रही है। शराब से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी जोरों पर है। यह साबित करने के लिए बीते तीन महीनों के पुलिस कार्रवाई के आंकड़े ही काफी हैं। हैरत की बात यह है कि घी, लंच और मिठाई जैसे कोडवर्ड के जरिये नशा तस्कर अपने धंधे को फैला रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया को धंधे का प्लेटफार्म बनाया हुआ है। निशाने पर नौजवान होने के चलते वह स्कूल-कॉलेजों में भी सेंधमारी कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक उड़ीसा व बंगाल से गांजा, चरस, अफीम तथा पंजाब और हरियाणा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध शराब की तस्करी होती है।

स्वीटी मतलब शराब: नशा तस्कर कोडवर्ड से मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। शराब के लिए फ्रूटी, स्वीटी, कैटरीना, संतरा आदि कोडवर्ड का इस्तेमाल होता है तो गांजा, चरस व अफीम के लिए घी, लंच, मिठाई, पापड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि जब तस्करों को जानकारी लगती है कि पुलिस को उनका कोडवर्ड पता चल गया है तो वह दूसरा कोडवर्ड प्रयोग करने लगते हैं। किसी मादक पदार्थ का कोई निर्धारित को़वर्ड नहीं होता। बीते दिनों पूछताछ में नशा तस्करों ने कोडवर्ड बताए थे। इनमें उन्होंने बताया था कि पूर्व में मादक पदार्थों के लिए स्टफ, टैटू, स्माइल कोडवर्डों का इस्तेमाल भी किया था। तस्कर कोडवर्ड में ऐसा उलझाते हैं कि पुलिस चक्कर खा जाए कि आखिर इशारा किसके लिए है।

खरीदार: तबीयत बहुत खराब है। दर्द ज्यादा हो रहा है। जल्द दवा नहीं मिली तो हालत बिगड़ जाएगी। कहीं से भी मंगाकर दवा का इंतजाम कर दो। कल तक डिलीवरी कर देना।
मतलब: माल की मांग बहुत है। बड़े पैमाने पर डिमांड हो रही है। माल नहीं मिला तो ग्राहक किसी और के पास चले जाएंगे। कैसे भी करके माल मंगा दो। कल तक पहुंचा देना। अप्रैल से 30 जून तक तस्करों के खिलाफ कार्रवाईकी गई।
तस्कर: दवा बेहद असरदार है। यहां नहीं मिली, बाहर से मंगवाई है। कल उसकी डिलीवरी होनी थी, लेकिन अस्पताल बंद मिला।
मतलब: अव्वल दर्जे का गांजा/अफीम/डोडा है। बिहार/बंगाल से माल मंगाया है। माल तो कल ही पहुंच जाता,लेकिन पुलिस पहले पहुंच गई थी।

नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के एंटी नारकोटिक्स सेल का अलग से गठन किया हुआ है। तीन महीनों में बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई है। स्कूल, कॉलेजों में नशा सप्लाई करने वालों की छानबीन कराई जाएगी। -मुनिराज जी., एसएसपी

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